मलिन मंदिरों का आह्वान

पर्व की उत्साह में रंग खेलना मानवीय बन गया है। होली का रंग मृत्यु का प्रतीक होता है, लेकिन click here आजकल यह सिर्फ एक उत्साह हो गई है। मंदिरों में भक्ति की आवाजें गूंज रही हैं। होली पर हम सबको चाहिए कि हम अपनी राष्ट्रपति को याद करें।

यह रंगों में डूबने से पहले, हमें थोड़ा सोचना चाहिए। क्या होली का सही अर्थ ही सद्भाव है?

वरनसी की धरती पर गुलाल की बौछार

वाराणसी की गुलाल की बौछार उज्ज्वल करता है, एक ऐसा दृश्य जो हृदय को मोहक बनाता है. हर कूड़ा, हर घर, हर सड़क पर सजावट का उत्साह देखने में मिलता है। यह त्योहार एक ऐसा समय है जब लोग एक दूसरे को गुलाल से ढकते हैं और हरियाली का स्वागत करते हैं.

मृत्यु से जन्म तक, होली का त्योहार

पहले तो हमको पता है की होली एक पर्व है जो दक्षिण भारत में मनाया जाता है। यह त्योहार रंगों और खेलों का है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस पर्व के पीछे एक गहरा अर्थ है?

होली का त्योहार पुरातन कहानियों से जुड़ा हुआ है। यह मृत्यु और जीवन, अंधकार और प्रकाश का एक उत्सव है। होली में हम रंगों का उद्‍घाटन करते हैं, जो हमारे जीवन में नई ऊर्जा लाते हैं।

यह पर्व हमें प्रेरणा देता है कि जीवन एक सतत चक्र है। मृत्यु से जन्म तक, यह चक्र हमेशा चलता रहता है। होली इस चक्र का उज्ज्वलरूपांकन है.

मसान में उड़ेगी रंग की चादर

यह एक अजीब सी घटना है। बहुत बार सुबह को एक रंगीन चादर मैंने देखा। यह हरा {औरअनूठा.

सभी लोग यह एक प्रेत मानते हैं, लेकिन यह मेरी निगाहों में कि यह सिर्फ एक अहसास है।

कर्म तथा धर्म का मिलन, मसान होली में

हर साल, मासिक परम्पराओं की भव्यता से सजी मसान होली आती है। इस पर्व में कर्म और धर्म का विशिष्ट जुड़ाव दिखाई देता है। यह हमें इस पवित्र अवसर पर बुद्धिमत्ता प्रदान करता है कि कर्म के फल धर्म से जुड़े होते हैं और दोनों एक दूसरे का पूरक होते हैं|

  • मसान होली में, लोग जल्दी उठते हैं औरअपने घरों की सजावट करते हैं।
  • पूरे दिन, लोग धार्मिक गायन करते हैं

अंतरिक्ष से भी ऊँचा, होली का भव्य उत्सव

पर्व प्रवेश करता है हर साल रंगों के साथ, खुशियों की बौछार लाकर। लेकिन इस बार, होली थोड़ी अलग है । इसकी चमक अंतरिक्ष से भी ऊँचा दिख रहा है। रंगों के महासागर में डूबते हुए, हम सब आनंदित हैं।

होली जश्न हर जगह रंगों से सराबोर है। घर-घर खुशियों की झंकार गूंज रही है और हर चेहरे पर मुस्कान छा गई है। बच्चों गुलाल की बौछार करते हुए, एक दूसरे को रंगे हुए हैं।

ये रंगों का त्योहार हमें याद दिलाता है कि जीवन सदा हँसी-मजाक से भरा रहना चाहिए।

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